कोरबा जिले में रीपा पर भ्रष्टाचार की इंतिहा : चहेते वेंडरों से करोड़ों की सामग्री खरीदने समूहों से लिए गए ब्लेंक कार्यादेश, एनआरएलएम के अफसर प्रशासन के आंखों में झोंक रहे धूल, देखें 30 करोड़ के कार्यों में शासन की इन प्राथमिकताओं की भी उड़ाई गयी धज्जियां
कोरबा । छत्तीसगढ़ शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली ‘महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) आँकाक्षी जिला कोरबा में NRLM के जिम्मेदार अधिकारियों एवं वेंडरों की जुगलबंदी से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है।नियमों, प्रक्रियाओं की अनदेखी कर स्व सहायता समूहों को गुमराह कर ब्लेंक कार्यादेश पत्रक पर हस्ताक्षर लेकर चहेते फर्मों को मनमाने दर पर करोड़ों के सामग्री, मशीन और उपकरण का कार्यादेश देकर अनुचित लाभ दिलाया गया। हमारी टीम के हाथ लगे स्व सहायता समूह के ब्लेंक कार्यादेश पत्रक ने स्पष्ट कर दिया है कि समूहों के आर्थिक सशक्तिकरण के नाम पर प्रशासन के आंखों में धूल झोंकी जा रही है।
यहां बताना होगा कि महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) के अंतर्गत विकासखण्ड कोरबा के चिर्रा और सरईडीह (पहंदा), विकासखंड कटघोरा के अरदा और रंजना, विकासखंड पाली के केराझरिया और नोनबिर्रा, विकासखंड पोड़ी-उपरोड़ा के कापूबहरा और सेमरा तथा विकासखंड करतला के जमनीपाली और कोटमेर में रीपा स्थापित किए गए हैं। जिसमें 60 गतिविधियों का संचालन किया जाना था। 25 मार्च को प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल के हाथों जिले के सभी 10 रीपा के साथ सराईडीह के रीपा का भी वर्चुअल उद्घाटन हुआ था लेकिन उद्घाटन के पहले एवं आज पर्यन्त रीपा की संरचनाओं, मशीन, उपकरण एवं सामाग्री खरीदी आपूर्ति से लेकर भुगतान प्रक्रिया पर की गई नियमों के अनदेखी की कारगुजारियां परत दर परत उजागर होने लगी हैं।
रीपा का उद्देश्य ग्रामीण युवा उद्यमियों को स्वरोजगार से जोड़ने की थी लेकिन अफसरों के दबाव में चहेते महिला स्व समूहों से कार्य लिया गया। यही नहीं महिला स्व सहायता समूहों को निर्माण एवं सामग्री क्रय किए जाने के एवज में भुगतान की जगह चहते वेंडरों को समूहों से गुमराह कर ब्लेंक चेक लेकर भुगतान किया गया।
समूहों से 3 ब्लेंक पेपर पर हस्ताक्षर लिए थे जिसमें वर्क आर्डर एवं कोटेशन सहित अन्य प्रक्रिया अफसरों ने ही भरे। पोंडी उपरोड़ा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत कापूबहरा के जागृति स्व सहायता समूह द्वारा रीपा मद अंतर्गत प्राप्त प्रशासकीय स्वीकृति के आधार पर आजीविका संवर्धन हेतु सामग्री प्रदाय किए जाने जारी ब्लेंक कार्यादेश पत्र ने खलबली मचा दी है। ब्लेंक कार्यादेश पत्र पर समूह के अध्यक्ष अजनी कुमारी और सचिव लक्ष्मीन बाई के हस्ताक्षर सहित पद मुद्रा (सील) लगे हैं।
इससे स्पष्ट है कि विश्वस्त सूत्रों से मिल रही जानकारी कि समूहों के नाम पर निर्माण, सामग्री, मशीन एवं प्रशिक्षण का कार्य चेहेते वेंडर को दिया गया है जिसके द्वारा तकरीबन 30 करोड़ का काम किया गया है। जिसमें नियमों, मापदंडों, मानकों एवं गुणवत्ता की अनदेखी कर जुगलबंदी से करोड़ों रुपयों का वारा न्यारा कर दिया गया है।
नाम न छापने की शर्त पर हमारी टीम को कुछ समूहों ने बताया कि समूहों के आर्थिक लाभ का जो रिपोर्टकार्ड पेश किया गया है वह तो महज दिखावा है,जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। कायदे से एनआरएलएम के जिम्मेदार अफसरों के भूमिका की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
इन प्राथमिकताओं को किया गया नजरअंदाज
रीपा में शासन द्वारा विभिन्न प्राथमिकताएँ तय की गई थी। अपर मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग सुब्रत साहू द्वारा 9 जून 2023 को समस्त कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ को जारी पत्र में उल्लेख किया गया है कि अधोसंरचनाओं का संरक्षण कर ,वर्कशेड स्पेस का वितरण कर समुचित उपयोग सुनिश्चित किए जाने, मशीनरी के सामूहिक एवं सर्वाधिक उपयोग की संभावना तलाश किया किया जाना है। अधिक से अधिक संख्या में युवाओं, मितानों, व्यक्तिगत उद्यमियों, महिला समूहों एवं समाज के प्रतिनिधियों को जोड़कर उत्पादन कार्य में गति प्रदाय करना, अधिकाधिक युवाओं को सम्मिलित होने प्रोत्साहित किया जाना शामिल है।
रीपा अंतर्गत सामाग्री क्रय के संबंध में छत्तीसगढ़ राज्य भण्डार क्रय नियम का पालन किया जावे। यूनिट साइज निर्धारण करते समय इकोनॉमिक विएबिलिटी का ध्यान रखा जावे। रीपा गतिविधियों से इतनी आय अवश्य रूप से हो कि प्रति व्यक्ति आय, प्रचलित दैनिक मजदूरी दर से अधिक हो। रीपा केंद्रों में सुरक्षा के मद्देनजर चौकीदार की तैनाती या सुरक्षा कैमरे भी लगाने, नोडल अधिकारी की नियुक्ति करने, रीपा केंद्रों में गुणवत्तापूर्ण उत्पादन सुनिश्चित करने, बाजार की उपलब्धता, प्रशिक्षण एवं प्रचार-प्रसार जैसे कार्यों में सहयोग प्रदान करने हेतु प्राथमिकता से तकनीकी सहयोगी संस्थाओं के चयन का कार्य पूर्ण किया जाना है। बैकवर्ड एवं फारवर्ड लिंकेज सुनिश्चित किया जाना है। उत्पादन कार्यों में अपेक्षित गति लाने, तैयार उत्पादों को बाजार की उपलब्धता प्राप्त हो। रीपा में संलग्न हितग्राहियों एवं उत्पादन संबंधी विवरण की जानकारी केंद्र के सूचना पटल पर प्रदर्शित किया जाए जिससे प्राइवेट ग्राहकों को मौके पर ही संबंधित उत्पादक एवं उत्पादन के बारे में सूचना प्राप्त हो सके। रीपा उत्पादों की प्रदर्शनी, केंद्रों को उत्कृष्ट रीपा के रूप में विकसित करने, अद्यतन साप्ताहिक प्रगति रीपा पोर्टल में दर्ज किया जाना शामिल है।