Korba

कोरबा जिले में सिसकता एजुकेशन सिस्टम : जर्जर पड़ा विद्यालय और अतिरिक्त कक्ष निर्माण भी चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट, पेड़ के नीचे लगाई जा रही क्लास, पढें पूरी खबर

कोरबा । शासन को खनिज संपदाओं के जरिए हजारों करोड़ों रुपए का राजस्व देने वाले आकांक्षी जिला कोरबा में एजुकेशन सिस्टम सिसकता हुआ नजर आ रहा है। स्कूलों के इन्सफ्रास्ट्रक्चर (अधोसरंचना) की दिशा में संजीदगी से पहल करने के बजाय हर साल विभागीय मद के अलावा, डीएमएफ एवं सीएसआर के 50 करोड़ रुपए से अधिक की राशि सामाग्री सप्लाई जैसे फर्मों को उपकृत करने वाले कार्यों में व्यय किया जा रहा है। हालात ऐसे हैं कि पोंडी उपरोड़ा विकासखंड में एक स्कूल का संचालन भवन के अभाव में वृक्ष के नीचे पाठशाला लगाकर किया जा रहा है। यहाँ अभावों के बीच वनांचल पहाड़ी गांवों के 9 बच्चे विद्यार्जन कर सुनहरे भविष्य की बुनियाद गढ़ रहे।

जिला मुख्यालय से महज 80 किलोमीटर दूर विकासखंड पोंडीउपरोड़ा के ग्राम तिलईडांड में यह नजारा देखा जा सकता है। पड़ताल में यहां संचालित प्राथमिक शाला अकांक्षी जिला कोरबा में शिक्षा व्यवस्था के नाम पर व्यय किए जा रहे करोड़ों रुपए के अपव्यय, विभागीय अदूरदर्शिता एवं जमीनी वास्तविकता प्रदर्शित करने में पर्याप्त है। सन 2007 से यहां प्राथमिक शाला संचालित है । जब विद्यालय की सौगात मिली तो गांव के ग्रामीणों की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा, सब इस बात से अत्यंत हर्षित थे कि अब उनके बच्चों को गांव में ही प्राथमिक शिक्षा मिल जाएगी। 5 से 7 किलोमीटर का सफर तय नहीं करना पड़ेगा। लेकिन आज जो वर्तमान परिस्थितियां निर्मित है उसने ग्रामीणों की चिंताएं बढ़ा दी है।

विद्यालय भवन पिछले 5 वर्षों से अत्यंत जर्जर हो चुकी हैं। हालात ऐसे हैं कि इस साल भवन की अत्यंत जर्जर हालत देख प्रधानापाठक चंद्रपाल सिंह मरावी एवं सहायक शिक्षक अर्जुन सिंह मरावी वृक्ष के नीचे ही खुले में पाठशाला लगा गांव के 9 बच्चों की सुनहरे भविष्य की बुनियाद गढ़ रहे। प्रधानपाठक ने कोरबा बंधु न्यूज़ से खुलकर विद्यालय की दयनीय दशा बयां की। उन्होंने बताया कि प्लास्टर पूरी तरह उखड़ चुका है और कभी भी भवन का छज्जा गिर सकता है इसलिए एहतियातन बाहर में क्लास लगा रहे हैं। वस्तुस्थिति की सूचना अधिकारियों तक दे चुके हैं लेकिन इस दिशा में अभी तक कोई पहल नहीं हुई।

अतरिक्त कक्ष निर्माण चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट, एक दिन भी नहीं लगी क्लास

प्रधानपाठक ने स्कूल भवन के बाजू में तैयार किए गए अतिरिक्त कक्ष निर्माण के संबंध में बेबाकी से बात की । उन्होंने कहा कि लाखों की लागत से अतरिक्त कक्ष भवन निर्माण किया गया था। भवन के निर्माण में गुणवत्ता की इस कदर अनदेखी की गई कि एक दिन भी इसमें क्लास नहीं लगा सके ।

शीघ्र करेंगे पहल : ए.के. चंद्राकर, बीईओ पोंडी उपरोड़ा

विद्यालय में बच्चे बेहद मर्ज करने की दिशा में प्रयास करेंगे,साथ ही यदि ऐसा संभव न हुआ तो भवन निर्माण के लिए प्राथमिकता से पहल करेंगे। मामले की पूरी जानकारी ले लेते हैं।

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