कोरबा : जमीन लेकर वादाखिलाफी, मुख्यालय के घेराव की तारीख तय
कोरबा । एसईसीएल सराईपाली बुड़बुड परियोजना से प्रभावित भू विस्थापितों ने कोल इंडिया पॉलिसी के खिलाफ आवाज उठाई है, और वे अब कंपनी के मुख्यालय को धेर करने की चेतावनी दे रहे हैं। इन भू विस्थापितों के साथ, जीएम कार्यालय में एसईसीएल कोरबा एरिया के अधिकारियों के साथ एक मीटिंग भी हुई, लेकिन बैठक गतिमान रही और अब तक भू विस्थापितों के हित में कोई स्पष्ट फैसला नहीं आया है।
रविवार को, कोयलाधानी भू विस्थापित किसान संघ की ग्राम करतली में एक बैठक आयोजित हुई, जिसमें 7 पंचायतों के ग्रामीणों ने भाग लिया। 16 अक्टूबर को, एसईसीएल के मुख्यालय के आस-पास घेराव की रणनीति बनाई गई। भू विस्थापितों का कहना है कि बुड़बुड सराईपाली परियोजना के लिए 550 एकड़ जमीन का अर्जन किया गया था, जबकि कंपनी के अधिकारियों ने मध्य प्रदेश पुनर्वास नीति के तहत इसे अधिग्रहण करने का दावा किया था।
हालांकि, कोल इंडिया पॉलिसी 2012 के अनुसार, खदान के लिए जमीन की अर्जिती की गई थी। इस तरह, एसईसीएल कोरबा एरिया प्रबंधन ने बिना सही जानकारी के मनमानी की है। 26 सितंबर को, बुड़बुड खदान के गेट पर आंदोलन भी किया गया था, लेकिन अधिकारियों द्वारा रोजगार, आवास, और मुआवजा के संबंध में संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया है। इसके परिणामस्वरूप, भू विस्थापित किसानों ने कंपनी के मुख्यालय के घेराव की तारीख की तय कर दी है।
यहां तक कि इस विवाद से जुड़े भू विस्थापितों के साथ कई और मामलों में भी समस्या उत्पन्न हो रही है, और उनका मानना है कि कंपनी का नया रुख उनके हितों के खिलाफ है। इस तरह के विवाद से सामाजिक, नैतिक, और सांविदानिक प्रश्न भी उत्पन्न हो रहे हैं, और सरकार को इन मुद्दों को संज्ञान में लेकर उचित कदम उठाने की जरूरत है।
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