Chhattisgarh

रेत पट्टेदार पंचायत, पर चला रहे ठेकदार, खनिज विभाग के संरक्षण में खुलेआम नियमों की अनदेखी रोज सैकड़ो ट्रेक्टर कर रहे है रेत परिवहन

कोरबा-  कोरबा जिले में मौजूद रेत घाटों में ठेकदारी प्रथा रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है । पट्टेदारी में नाम किसी और का होता है और घाटों को वास्तव में चलाता कोई और ही है। लंबे समय से जिले के खनिज संसाधनों पर अपनी आंखे टीकाकार रखने वाले ठेकदारों ने खनिज विभाग को अपनी उंगली में नचाना शुरू कर दिया है। ये कथाकथित ठेकदार खनिज विभाग के आए दिन चक्कर लगाते दिखते है।

पंचायत के नाम से जारी पट्टेदारी में कौन लगा रहा बट्टा !

जिले में कुल 20 स्वीकृत रेत घाट मौजूद है। ज्यादातर रेत घाटों में ठेकदारों ने अपनी पकड़ बना रखी है। चिचोली, तरदा, कटबितला, कुदुरमाल, भैसामुड़ा, गितारी सहित अन्य स्थानों पर ये नजारे आराम से देखे जा रहे है। पंचायतों को जारी किए गए पट्टे को खनिज विभाग ने अपनी जेब भरने का माध्यम बना रखा है। प्रत्येक रेत घाटों पर बिना रॉयल्टी पर्ची रोजाना सैकङों ट्रैक्टर एवं हाईवा रेत चोरी हो रहा है। रॉयल्टी चोरी से ग्राम पंचायतों एवं खनिज न्यास को काफी नुकसान हो रहा है।

छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत (उत्खनन एवं व्यवसाय) अधिनियम 2005 का खुला उल्लंघन !

कोरबा खनिज विभाग छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत (उत्खनन एवं व्यवसाय) अधिनियम 2005 का खुला उल्लंघन कर रहा है। पंचायतों के लिए जारी पट्टे को निजी फायदे के लिए ठेकदारों को चलाने के लिए दिया जा रहा है जो स्पष्ट नियमों का उल्लंघन है। ठेकदारों के साथ साथ विभागीय अधिकारियों की जेब भर सके। खनिज विभाग की मनमानी से आम नागरिकों को ठेकदारों द्वारा मनमाना कीमत वसूला जा रहा है जिससे सस्ता रेत मिल पाना घर बनाने वाले के लिए संभव नहीं हो पा रहा है ।

कई आवेदनों के बाद भी नहीं करते रॉयल्टी जारी !

कई ग्राम पंचायतों ने रॉयल्टी जारी करने हेतु आवेदन किया है परंतु विभाग को रॉयल्टी जारी करने में कोई रुचि नहीं है। रेत खदानों में ट्रैक्टर चालकों द्वारा रॉयल्टी की मांग करने पर खनिज विभाग से अप्राप्त होना बताया जाता है। इसलिए कोरबा जिले में रेत का अवैध उत्खनन धड़ल्ले से जारी है। हैरानी की बात है कि जिला प्रशासन के उच्च अधिकारी भी सब जानते हुए चुप है।

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