Korba

रींवापार में अखंड नवधा रामायण के सातवें रात में करतला जनपद अध्यक्ष हुए शामिल

कोरबा । रींवापार में अखंड नवधा रामायण के सातवें दिन उमड़ा श्रद्धा और उत्साह का सागर, क्षेत्र के जनप्रतिनिधि हुए शामिल। कोरबा जिले के जनपद पंचायत करतला अंतर्गत ग्राम पंचायत रींवापार में आयोजित अखंड नवधा रामायण पाठ के सातवें दिन श्रद्धा, भक्ति और उत्साह का अद्भुत संगम देखने को मिला।

गांव के हर द्वार पर भक्ति की गूंज सुनाई दे रही थी, घर-घर में दीप सजाए गए थे और वातावरण श्रीराम के नाम से आलोकित था। इस अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी विशाल थी कि ग्राम प्रांगण में तिल धरने की जगह भी नहीं बची।

कार्यक्रम में जनपद पंचायत अध्यक्ष अशोक बाई कंवर, ग्राम पंचायत कोथारी के सरपंच विश्राम कंवर, जनपद उपाध्यक्ष मनोज झा तथा जनपद सदस्य राकेश यादव एवं पूर्व जनपद सदस्य झामलाल साहू विशेष रूप से उपस्थित रहे। अतिथियों का स्वागत ग्राम पंचायत रींवापार की सरपंच वंदना लंबोदर कंवर, समस्त पंचगण, महिला समूह और ग्रामवासियों द्वारा तिलक, पुष्पमाला और नारियल भेंट कर किया गया।

आयोजन समिति ने बच्चों में उत्साह और सृजनशीलता को बढ़ावा देने के लिए रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया। गांव की गलियों से लेकर मंदिर प्रांगण तक रंग-बिरंगी रंगोलियों से श्रीराम कथा के प्रसंग जीवंत हो उठे जिसमें ग्राम के नागरिक नेतराम पटेल, सुमेश कुमार पटेल (एलआईसी अभिकर्ता), सुखनंदन कश्यप (पत्रकार), दिलेराम पटेल एवं समिति सदस्यों द्वारा विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।



मंच संचालन का दायित्व लगातार सहज और प्रभावशाली शैली में शेष नारायण पटेल (टेमरहिया) ने संभाला। उनकी वाणी में श्रद्धा के साथ हास्य का मिश्रण भी था, जिससे श्रोताओं का ध्यान पूरी तरह मंच पर केंद्रित रहा। कार्यक्रम के दौरान आसपास के अनेक गांवों की मानस पार्टी द्वारा मनमोहक गायन-वादन प्रस्तुत किया गया, जिससे पूरा वातावरण रामनाम के जयकारों से गूंज उठा।

अखंड रामायण आयोजन के दौरान ग्रामवासी अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा से निभाते रहे। किसी ने भंडारे में भोजन परोसा, किसी ने पानी पिलाया तो किसी ने श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था संभाली। कार्यक्रम के सातवें दिन का पाठ “श्रवण, कीर्तन और स्मरण भक्ति” पर केंद्रित रहा। कथावाचकों ने समझाया कि मनुष्य यदि ईश्वर का नाम श्रवण करता है, गाता है और स्मरण करता है तो उसके सारे दुख मिट जाते हैं। रींवापार के श्रद्धालु पूरे ध्यान और श्रद्धा से कथा सुनते रहे, बीच-बीच में जयकारे लगाते रहे और तालियां बजाते हुए वातावरण को ऊर्जावान बनाए रखा।

Back to top button