बड़ी खबर : आरटीआई का जवाब न देना पड़ा महंगा, कोरबा जिले के सचिव सहित तीन ग्राम पंचायतों के सचिवों पर लगा 25-25 हज़ार का जुर्माना
कोरबा । छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग ने आवेदकों को समय पर सूचना देने में लापरवाही बरतने और सूचना का अधिकार अधिनियम का समुचित क्रियान्वयन नहीं किए जाने पर ग्राम पंचायतों के 3 सचिवों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
राज्य सूचना आयुक्त श्री मनोज त्रिवेदी ने कोंडागांव जिले के केशकाल जनपद पंचायत के डुंडाबेडमा ग्राम पंचायत के सचिव श्री दयानंद भारद्वाज, जांजगीर-चांपा जिले के जनपद पंचायत बलौदा के ग्राम पंचायत करमा के सचिव श्री सीलसर्जन खैरवार और कोरबा जिले के अंतर्गत जनपद पंचायत कोरबा के ग्राम पंचायत रजगामार के सचिव और तत्कालीन जन सूचना अधिकारी पर यह जुर्माना लगाया है। राज्य सूचना आयुक्त ने संबंधित जिलों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को जुर्माने की राशि वसूल कर शासन के खाते में जमा कर आयोग को पालन प्रतिवेदन भेजने के निर्देश दिए हैं।
राज्य सूचना आयोग को प्राप्त द्वितीय अपील के एक प्रकरण में ग्राम पंचायत डुंडाबेडमा में आवेदक के द्वारा तत्कालीन जन सूचना अधिकारी से ग्राम पंचायत से संबंधित आय-व्यय, कैशबुक की छाया प्रति मांगी गई थी। किंतु जन सूचना अधिकारी के द्वारा जानकारी देने में विलंब किया गया और आयोग के नोटिस का जवाब भी नहीं दिया गया। अन्य एक प्रकरण में ग्राम पंचायत करमा में आवेदक द्वारा वार्षिक लेखा रिपोर्ट की प्रति मांगी गई थी। किंतु जन सूचना अधिकारी के द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन में लापरवाही बरती गई। इसी तरह ग्राम पंचायत रजगामार में आवेदक द्वारा अनुमोदित वार्षिक लेखा की रिपोर्ट की कॉपी मांगी गई। किंतु जन सूचना अधिकारी के द्वारा समय सीमा 30 दिवस में जानकारी नहीं दी गई और प्रथम अपीलीय अधिकारी के द्वारा भी कोई औपचारिक आदेश पारित नहीं किया गया। अतः राज्य सूचना आयुक्त ने तत्कालीन जनसूचना अधिकारियों एवं ग्राम पंचायत के सचिवों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।