Korba

कोरबा जिले में भ्रष्टाचार का मिशन बनकर रह गया है जल जीवन मिशन : 87 करोड़ के भुगतान के बाद भी नही पहुंचा लोगों के कंठ तक पानी, 32 फर्मों को नोटिस और 3 के कार्य किए निरस्त

कोरबा । आदिवासी बाहुल्य जिला कोरबा में जल जीवन मिशन पीएचई के अफसरों व ठेकेदारों की जुगलबंदी से भ्रष्टाचार का मिशन बनकर रह गया है। केंद्रीय योजनाओं की ऐसी सुस्त चाल है कि 87 करोड़ के भुगतान के बाद भी गर्मी का मौसम बीत गया पर एक भी योजनाएं पूर्ण नहीं हो सकी। वहीं अधिकारियों ने कार्य की धीमी प्रगति पर 32 फर्म को नोटिस एवं 3 फर्म का कार्य निरस्तीकरण आदेश जारी किया है। जिससे जिले में हड़कम्प मच गया है।

यहां बताना होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा अनुरूप वर्ष 2024 तक देश के प्रत्येक परिवार में नल का स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के लक्ष्य को लिए जल जीवन मिशन की शुरुआत की गई है। इसके लिए केंद्र शासन ने पीएचई विभाग को करोड़ों रुपयों का बजट उपलब्ध करवाया है। जीवन मिशन के अंतर्गत राज्य को पानी की कमी वाले क्षेत्रों, गुणवत्ता प्रभावित गांवों, आकांक्षी जिलों, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति बाहुल्य गांवों और सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) गांवों को भी प्राथमिकता देने की जरूरत है।

छत्तीसगढ़ को सितम्बर 2023 तक प्रत्येक घरों में हर घर जल जल जीवन मिशन की सार्थकता पूरा करते हुए सभी पात्र परिवारों के यहाँ घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से जलापूर्ति का लक्ष्य दिया गया है।

आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में 22 फरवरी 2023 तक की स्थिति में जल शक्ति मंत्रालय की टाइमलाइन मार्च 2024 तक एक लाख 97 हजार 658 परिवारों में घरेलू कनेक्शन लगाना है। इसके लिए 799 करोड़ 29 लाख 57 हजार की लागत से 10 हजार 88 योजनाओं के जरिए इस लक्ष्य को हासिल किया जाएगा।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग कोरबा उक्त समयावधि तक इनमें से स्वीकृत 509 योजनाओं पर कार्य कर 81 हजार 672 स्वीकृत घरेलू कनेक्शनों में जलापूर्ति करने जुटी है। एकल नवीन ग्राम योजना एवं सोलर आधारित मिनी नलजल योजना के तहत जल जीवन मिशन के लक्ष्य की पूर्ति की जा रही। एकल नवीन ग्राम योजना में मूल ग्राम पंचायत, ग्राम लाभान्वित होंगी तथा सोलर आधारित मिनी नल जल योजना में बसाहटें शामिल है। सोलर ड्यूल पंप से ऐसे सभी बसाहटों में जलापूर्ति की जाएगी। एकल नवीन ग्राम योजना जिले के सभी 703 गांवों में स्वीकृत हुई हैं। इस कार्य के लिए 695 करोड़ 81 लाख 21 हजार की प्रशासकीय स्वीकृति मिली है। जिसके तहत 1 लाख 78 हजार 405 घरेलू कनेक्शन लगाकर जलापूर्ति की जानी है। इसमें से 238 योजनाओं पर कार्यादेश जारी कर 68 हजार 582 घरेलू कनेक्शन लगाने की कवायद अंतिम चरण में हैं। वहीं क्रेडा को सोलर आधारित मिनी नलजल योजना लगाने 385 कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है।

103 करोड़ 48 लाख 36 हजार की लागत से 385 बसाहटों के 19 हजार 253 घरेलू कनेक्शन देने का लक्ष्य है। जिसमें से 271 बसाहटों की योजनाओं का कार्यादेश जारी कर 13 हजार 90 कनेक्शन का कार्य अंतिम चरण में है। जिससे बसाहटों में लोगों को शुद्ध जल की आपूर्ति की जाएगी। 162 बसाहटों में कार्य पूर्ण होने का दावा किया जा रहा था। लेकिन योजनाओं के क्रियान्वयन में फर्मों की ढिलाई एवं सुस्त कार्यप्रगति की वजह से इस सीजन की गर्मी में जनता जल जीवन मिशन से प्यासी रह गई।

87 करोड़ का हो चुका है भुगतान पर गरीबों के कंठ तक नही पहुंचा एक बूंद भी पानी

योजना तैयार करने से लेकर जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन में व्यापक पैमाने पर नियमों तकनीकी मापदण्डों की इस कदर अनदेखी की गई कि पूरे गर्मी भर 30 जून के बाद भी आदिवासी बाहुल्य कोरबा की गरीब जनता के कंठ तक केंद्रीय मिशन का एक बूंद जल नहीं पहुंचा, जबकि ठेकेदारों को 87 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया जा चुका है। इनमें बड़े फर्म मेसर्स ज्योति इलेक्ट्रॉनिक्स को 8 करोड़, अदिति बोरवेल्स को 3 करोड़ 89 लाख 66 हजार, एस के इंटरप्राइजेस को 2 करोड़ 65 लाख 23 हजार तथा गणेशा कंस्ट्रक्शन को 3 करोड़ 50 लाख 31 हजार का भुगतान हो चुका है। ज्योति इलेक्ट्रॉनिक्स के कार्यों में व्यापक पैमाने पर अनियमितता की जन शिकायतें भी मिली थी। जानकारी अनुसार 3 माह से सभी फर्मों का भुगतान आबंटन के अभाव में रुका है जिससे फर्म को भी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा।

कोरबा में इन फर्मों को जारी हुआ नोटिस

सोलर आधारित नल जल प्रदाय योजना के कार्यों में विलंब करने, कार्यादेश के बाद भी कार्य प्रारंभ नहीं करने तथा रेफ़्रोफिटिंग नल जल प्रदाय योजना के कार्यों को पूर्ण करने 32 फर्मों को एसडीओ कोरबा उपखंड द्वारा मार्च 2023 में नोटिस जारी किया गया था। सूचना के अधिकार से मिले दस्तावेजों के आधार पर मेसर्स ओम साईं एसोसिएट्स कोरबा, मेसर्स एम.आर.कन्स्ट्रक्शन कोरबा, मे.ओम बिल्डकॉन बिलासपुर, मे.शारदा इंजीनियरिंग वर्क्स, मेसर्स ओम बोरवेल्स, मेसर्स विनायक इंफ्रास्ट्रक्चर, मेसर्स एस के इंटरप्राइजेस कोरबा, मेसर्स गणेशा कंस्ट्रक्शन कोरबा, मेसर्स अभिनव कंसट्रक्शन, मेसर्स राजीव कुमार राय, मेसर्स गंगा पाठक, मेसर्स नन्दकिशोर ट्रेडर्स, जयनारायण यादव, मेसर्स गरिमा ट्रेडर्स, मेसर्स मोनाच ग्रुप, मेसर्स प्रगति कंसट्रक्शन, मेसर्स ओम इलेक्ट्रिकल्स एण्ड मेकेनिकल, मेसर्स प्रताप सिंह यादव, मे.सुखनंदन प्रसाद साहू, मेसर्स सक्षम मेकांन, मेसर्स विनोद अग्रवाल, मनोज कुमार अग्रवाल, मेसर्स अदिति बोरवेल्स, मेसर्स अजीत कंसट्रक्शन, मेसर्स मदयंती एसोसिएट्स, मेसर्स रेखचंद अग्रवाल, मेसर्स शुभदा ट्रेडर्स, मेसर्स कान्हा कंस्ट्रक्शन एण्ड सप्लायर, मेसर्स दीपक वाजपेयी, मेसर्स कैलाश प्रसाद अग्रवाल, मेसर्स सुमन इंटरप्राइजेस, उषा ट्रेड लिंक और मेसर्स साईं ट्रेडर्स कोरबा शामिल है।

इन फर्मों का जारी हुआ कार्य निरस्तीकरण आदेश

जल जीवन मिशन के कार्यों को निर्धारित 9 माह की समयसीमा में पूर्ण नहीं करने पर अनुबंध की कंडिका क्र.03 (A,C) के तहत ई ई ने 3 फर्मों का अनुबंध निरस्त करते हुए निविदा की शर्तों के अनुसार जमा जमानत राशि शासन के पक्ष में राजसात करते हुए अनुबंध निरस्त कर दिया है।

पुनः निविदा रिस्क एंड कॉस्ट पर आमंत्रित करने में लागत राशि अधिक आने पर अंतर की राशि सम्बंधित फर्मों से वसूल की जाएगी। जिन फर्मों का कार्य निरस्तीकरण आदेश जारी किया गया है उनमें मेसर्स अजीत कंसट्रक्शन, मेसर्स ओम साईं एसोसिएट्स एवं मेसर्स पीहु इंटरप्राइजेस शामिल हैं।

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